Friday, October 15, 2010

स्वागत.....वंदन.....अभिनन्दन


वन्दे मातरम !!
             आप समस्त आत्मीय जनों को मै आपका अपना गौरव शर्मा "भारतीय" सादर प्रणाम करता हूँ | विदित हो कि न मै कवी हूँ न मै लेखक हूँ और न ही मुझे भावों को शब्दों में पिरोने की कला ही आती है पर एक भावनात्मक इन्सान होने के नाते मै अपने भावों को अपने विचारों को आप तक पहुँचाने एवं आप के विचारों को जानने के उद्देश्य से इस नवोदित ब्लॉग के माध्यम से उपस्थित हूँ |
              आप समस्त आत्मीय जनों से अनवरत मुझे आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है और भविष्य में भी आप मुझपर अपने आशीषों की वर्षा करते रहेंगे ऐसी आशा ही नहीं वरन विश्वास है क्योंकि आपका आशीर्वाद और आपका मार्गदर्शन ही तो मेरी पूंजी है मै आप सभी से  पुनः अनुरोध करता हूँ कि मुझे महत्वपूर्ण टिप्पणियों के माध्यम से अपने विचारों से अवगत कराएँ एवं मुझ अकिंचन से जाने अनजाने में हुई भूल के लिए सस्नेह छमा करें |

4 comments:

  1. .

    स्वागत है।

    .

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  2. स्वागत ,स्वागत और स्वागत ।

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  3. चि. गौरव बाबू,

    क्या गज़ब की विनम्रता...!
    क्या ख़ूब ग्रहणशीलता का सदाशयी आग्रह...!
    क्या ख़ूब राष्ट्रवादी भावना...!

    इस सबको आपके प्रोफ़ाइल में पाकर निश्चय किया कि यहीं पर अपना विचार पेश करूँ...और आप्को बधाई दूँ!

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