{चित्र गूगल से साभार} |
वन्दे मातरम, समत आत्मीय जन आपके अपने गौरव का सादर अभिवादन स्वीकार करें !!
राजनीति और चाटुकारिता का चोली दामन का साथ सर्वविदित है | राजनीती और राजनीतिज्ञों में चाटुकारिता हमेशा से महत्वपूर्ण स्थान पर रही है पर एक निश्चित सीमा तक यह सिमित रहे तो सहनीय हो सकता है पर कभी कभी पानी सर से ऊपर हो जाता है जिसके परिणाम घातक और अकल्पनीय होते हैं | जीवित व्यक्ति की मूर्ति और नोटों की माला तक तो सब कुछ ठीक ठाक था पर आज एक नया मामला सामने आया है, अपनी चरण पादुका को एक उच्चाधिकारी से साफ़ कराने का, और इस पर भी हद तो तब हो गयी जब मैडम माया की इस माया को भी बड़ी बेबाकी या बेशर्मी के साथ "सामान्य घटना" निरुपित किया जाने लगा | यह विचारणीय है की कब तक हम मूकदर्शक बने ऐसी स्थिति का सामना करते रहेंगे और कब तक हमारे ये तथाकथित नेता इस प्रकार की हरकतों को अंजाम देते रहेंगे | जो व्यक्ति अपना ध्यान स्वयं नहीं रख सकते उससे हम कैसे यह उम्मीद करते हैं कि वे हमारे प्रदेश, हमारे देश, हमारी गरीब जनता, हमारे ऐतिहासिक पौराणिक धरोहरों का ध्यान रखेंगे, क्या उनसे विकास की अपेक्छा करना हमारी कमजोरी, हमारी लाचारी का परिचायक नहीं है ? इन प्रश्नों पर आज देश के प्रत्येक नागरिक को विचार करने की आवश्यकता है मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं कि न केवल विचार करने की वरन उचित निर्णय लेने की भी आवश्यकता है |
{चित्र गूगल से साभार} |
जय हिंद जय भारत
आपकी पोस्ट एक जागरण पोस्ट है!
ReplyDeleteकृपया इसकी लिपि को गपरे रंग की करदें!
पढ़ने में हम बूढ़ों को आसानी हो जाएगी!
आपकी पोस्ट एक जागरण पोस्ट है!
ReplyDeleteकृपया इसकी लिपि को गहरे रंग (डार्क-कलर) की करदें!
पढ़ने में हम बूढ़ों को आसानी हो जाएगी!
virodh to krna hi hoga, anyay, aniti aur anachar ka. achhi prastuti.
ReplyDeleteजो लोग अपनी ओकात भुल जाते हे, वो ऎसी हरकते ही करते हे, अब जनता को भी अपनी ओकात दिखनी चाहिये एक वोट भी ना दे इसे वर्ना बिहार से भी बुरा हाल होगा, इस राज्य का. धन्यवाद इस अति सुंदर लेख के लिये
ReplyDeleteजागरूक होने की जरुरत है जनता अपनी वोट की ताकत से कुछ भी कर सकती है| धन्यवाद इस अति सुंदर लेख के लिये|
ReplyDeletesachchhi ko bebaakee se likhane ke liye badhaae
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