Monday, May 13, 2013

काश! पाकिस्तान भी भारत जैसा होता..

(भारत, पाक का मिलन, आपका अपना गौरव शर्मा "भारतीय" पाकिस्तानी नागरिकों के साथ)
गौरव शर्मा 'भारतीय'
काश, मेरा जन्म भारत में हुआ होता तो मुझे इस पवित्र धरती में कदम रखने के लिए 23 साल तक इंतजार न करना पड़ता। यह कहना है पाकिस्तान से भारत आये जत्थे के सदस्य गोपाल अग्रवाल का। गोपाल कहते हैं कि भारत आकर जो ख़ुशी मिली है उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। यही वो धरती है जिसमें सारे धर्मों, जातियों व लोगों को समेटने और भरपूर प्यार करने की क्षमता है। गोपाल पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आये हैं। उनका कहना है कि कई सालों से वे भारत आने और इस धरती को करीब से देखने के इच्छुक थे पर 23 सालों बाद उन्हें यह मौका मिला। भारतीयों से मिले मान-सम्मान व स्वागत से अभिभूत होकर वे कहते हैं, सुना तो था कि भारत में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया जाता है यहां आकर यह देख भी लिया। विदित हो कि इन दिनों राजधानी के शदाणी दरबार में अमृतसर के वाघा बार्डर के रास्ते पाकिस्तान से 184 श्रद्धालुओं का जत्था दर्शन करने आया है। इसमें 37 महिलाएं व 8 बच्चे भी हैं। पाकिस्तान के चारों प्रांतों से आए लोग कल ही रायपुर पहुंचे हैं। यहाँ शदाणी दरबार परिसर में ही उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। उनकी सेवा के लिए आसपास के लोग अपने रोजमर्रा के काम को छोड़कर लगे हुए हैं। पाकिस्तानी यात्री छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थानों के साथ ही हरिद्वार, वैष्णव देवी, शिमला, दिल्ली व अमृतसर भी जाएंगे। 8 जून को उनकी पाकिस्तान वापसी होगी। पाकिस्तान के हालात के बारे में पूछने पर पाकिस्तानी श्रद्धालु हिचकते हुए कहते हैं कि 'सब ठीक हैÓ पर उनका दर्द उभर कर सामने आ ही जाता है। उनका कहना है कि वहां की आवाम बहुत ही अच्छी है। लोगों से कोई खतरा नहीं है मगर सियासी लोगों व कट्टरपंथी ताकतों की वजह से आज भी दंगे फसाद और उन्माद की आशंका बनी रहती है। हालांकि वे यह बताना भी नहीं भूलते की उन्हें अपनी धार्मिक रीति रिवाजों के पालन में कोई कठिनाई नहीं है। सिंध के घोटकी जिले से आए रतनलाल वंजारा कहते हैं कि वहां और यहाँ बहुत सी समानताएं हैं। पाकिस्तान की ही तरह भारत की आवाम भी अच्छी है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में इन दिनों चुनावी सरगर्मी जोरों पर है। आज ही वहां मतदान है। चुनाव के विषय पर बात करते हुए पाकिस्तानी नागरिक कहते हैं कि इस बार कुछ कहा नहीं जा सकता पर नवाज शरीफ की पार्टी का अभी जोर है। क्रिकेट से सियासत में आए इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ में भी लोग अब भरोसा करने लगे हैं। उनकी पार्टी में पढ़े-लिखे व बुद्धिजीवी लोगों की बड़ी तादाद है। इस बार तहरीक ए इंसाफ भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। बिलावल भुट्टो व हिना रब्बानी खार के रिश्तों की बात आने पर पाकिस्तानी नागरिक कुछ नहीं कहते पर उनकी मुस्कान सब कुछ बयान कर जाती है। बहरहाल, पाकिस्तानियों से मिलने व उनसे बात करने पर यह स्पष्ट होता है कि वे भी दोनों देशों के बीच दोस्ती व अमन के पक्षधर हैं। उनकी इच्छा है कि भारत की ही तरह पाकिस्तान में भी लोकतंत्र कायम हो और अमन का वातावरण बने। जिस तरह भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं उसी तरह पाकिस्तान के भी हिन्दू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा व विकास का वातावरण मिले।
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